16 June 2010

मेरा सफ़र .... जी हाँ मेरा ये ई ..सफ़र ,
दोस्तों ,
आज से कई साल पहल मैं और मेरा दोस्त कैफे पर जाते थे सहारा सोपिंग सेण्टर में जो कि इंद्रा नगर में है और मैं मारुती पुरम में था । उस समय मात्र दो रुपये में चारबाग से आना जाना होता था और आज येही तेरह रु ले लिए जाता है । कल हम एक घंटे का चालीश रु देकर एक घंटा इंटर नेट का आनंद लेते थे और आज चौदह रु में तीन दिन या 98 में पूरे माहीने वो भी पुराणी speed से अच्छी speed होती है आज ,

ये सफ़र उस समय ही हुआ ये सफ़र है सन 2001-2002 में और आज 2010 है कितना अच्छा सफ़र है पर एक बात कि ताजुब होता है कि पहले जो इ मेल थी वो गुम गयी , खो गयी , और जो आज कि दुनिया है जिसमे मैं महेंदर , अजय , ram और भी कई मित्र जिनसे आज तक मिला ही नहीं वो भी अच्छे मित्र बन गए है । बहुत ही अच्चम्भित बात है पर कुछ लोग जो दूर चले गए थे और शायद कभी मिलते ही नहीं उनसे रोजाना चट पट हो जाती है ।
2001- 2002 से शुरू हुआ सफ़र केवल महज़ महीने में दो से पाच घंटे का सफ़र होता था और साल में vees से pacheesh घंटे का सफ़र हुआ karta था । पर सन 2007 में jab mein dilli में था to googal earth का parichay हुआ पर aabhi तक मैं orkut और gmail chaiting से anjaan था bolg से to kosho दूर था ।

2008 में नेट ghar pa lagwane का saubhagy parpt हुआ पर कई gnato baithne ke baad कई दुनिया से parichay हुआ maine jiwan में भी नहीं socha था कि kisi dusari desh कि bhasha का gyaan hoga ।
और एक दिन मुझे एक चीज मिल ही गयी जिस्मे मुझे विदेशी भाषा पड्ने का सौभाग्य भी मिला ।

इसी दौरान मेरी प्रोफ़ाइल ओरकुट /फ़ेसबुक / हि 5 / और भी कई साइट पर हुआ जिस्मे कुछ अछ्चे लोग भी मिले
और अच्ची मुलकात भी हुयी ।

2009 मे मुझे ब्लोग के दर्शन हुआ और कुछ हि दिनो मे मैने इस्का भी तरीका खोज निकाला और एक दो ब्लोग मैने भी बना दाला पर समय देना मुस्किल है इस लिये
समय की खोज पर लागा हुन और जल्द ही इस पर भी विजय मिल जये तो कयी और भी नयी बाते और समाचार प्राप्त होगे . . . . . . . . . . .


कभी सोचा न था ......... कि आप भी.... मेरे ब्लोग पे होंगे !