07 April 2011

पर डॉ की मौत को रोका जा सकता था .....

आज की खबर पूरे दिन गुमटी रहती है अन्ना हजारे और उनके कैम्पेन की बीच साम होते होते यू पी में दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया एक CMO की मौत पे कहाँ जाता है मिडिया में की ये हत्या एक सुनियोजित थी और इसमें उनकी इमानदार छवि ने उनको मौत के घाट उतार दिया ये दो मंत्री है अन्नत मिश्र 'अट्टू ' और बाबू कुशवाहा
आज एक चीफ डॉ की मौत से ये हुआ की ये मंत्री साहब को इस्तीफ़ा देना पडा हो सकता है की कल क़त्ल में इनका नाम भी घसीटा जाये हो सकता है और हो सकता है
कुछ दिनों पहले कानपुर में एक वकील साहब ने अपनी वेगम के लिए एक तबादले के लिए मिडिया द्वारा बताया गया की कुछ रु देने के बाद भी तबदिला नहीं हुआ और उनके पैसे भी गए तो वकील साहब ने इस बात से तंग आकर अपने आप को इस बय्बस्था के आगे मौत को गले लगा लिए और ख़ुदकुशी के लिए इन्ही मंत्री को दोषी ठहरा दिया था पर पुलिस ने घर पे दवाव बना कर केश न करने के बारे में घर वालो से लिखवा लिया
http://www.expressindia.com/latest-news/kanpur-lawyers-suicide-wife-blows-holes-in-official-line/740418/
और आज एक डॉ की मौत होने पे इन्हीं मंत्री को इस्तीफ़ा देना पड़ा ये जान बच जाती अगर नेता जी के खिलाफ कुछ वकील और समाज सेवक और हमारा डॉ वर्ग जुड़ जाता पर जो कुछ हुआ उससे हमें क्या ये वाक्य कही न कही हमारे अन्दर खुमता रहता है और ये ही हमें कमज़ोर बनता है

प्रशिद्ध लेखक श्री शिव खेडा कहते है की अगर आप के पडोशी पे जुल्म हो और आप शांत रहे तो अगला नो आप का है


अब बात अन्ना हजारे की जो आज भी जंतर मंतर पे पूरे ६० घंटे से निरंतर उपवास कर रहे है और भगवन से दुआ कर रहे है की भगवान सरकार को सदबुधि दे और सरकार जन लोक पाल बिल लागू करे

पर किन्तु परन्तु एक बहुत बड़ा छेद है एक बहुत बड़ा छेद है एक लोक पाल बिल me अन्ना किरण अरविन्द और भी कई देश चिंतन धरियो के लिए ये बिल किस पारकर से एक नया अन्दोलम फिर से लेगा ये देखना होगा इस बार का आन्दोलन लगभग दस साल के बाद होगा और इस बार की तरह अगली बार दो फाड़ होंगे एक विदिशी कम्पनियों का और दूसरा आम जनता का सरकार तराजू के साथ होगी जिधर भर अधिक होगा उधर उसका झुकाव होगा

अन्ना की जित के साथ ही लिखूंगा एक और लडाई अभी बाकी है


अम्बरीष मिश्रा

05 April 2011

मेरा क्रिकेट महान !

भारतीय क्रिकेट ने एक विश्व कप आपने नाम कर लिया |
जिसमे कई लोगों ने रात्रि में उसी समय अत्यधिक उत्साहित होकर आनन फानन में कियो करोड़ों के पटाखे जलादिये कइयो लोगो ने एक पल में देश से प्यार दिखाते हुए रात्रि में दिवाली का दूसरा मंज़र देखा दिया |

दिल्ली मुमबई और भी देशके कई महानगरो में सडको पर निकल कर खूब जोर शोर से प्रदर्शन किया गया | जिसमे भारत की सर्व ससक्त महिला श्रीमति/ वि सोनिया गांघी महानायक अमिताभ बच्चन और उनके पुत्र अभिषेक इतादी ने तिरंगे में आपने आप को छुपा लिया और खुद को देश प्रेम की खुशी के रग मे जस्न मनया ।
शाहरुख और कई नायको ने आपना अपना देश प्रेम दिखाया और थोड़ी ही देर बाद रस्त्पति और परधन मंत्रीइतादी ने बधाई के सन्देश जनता को दिए टी वी व समाचारों के मध्यम से

दूसरा दिन
: पूरे देश के मुख्यामंतियो ने आनन् फानन में हर खिदडियो को ( जो उनके परदेश के थे अधिकतर ) को सामान और विजेता राशी देने की बात कही | पर यहाँ पे वे लोग नहीं दिखाई देते है जो विपछ के होते है वे इन खिलाडियो को एक पैसे का भी पुरूस्कार नहीं देना चाहते है .......... क्यों ?
क्यों नहीं आती है देश की वे पार्टियां जिन्हें देश भक्त का गौरब प्राप्त है और इसी कारण देश के उन्ही लोगों ने देश के सर्वोच्छ पदों पर वैथाया है |

मतलब की ये पैसा जनता का जो की कई करो को लगाकर लिया जाता है और वही पैसा साकार में बैठे बन्दे बिभाग के मध्यम से बाता जाता है वो चाहें कोई मुख्य मंत्री हो या कोई मंत्री और या कोई विभाग एक सीधा सा सवाल .......................
" जनता ने अपने पैसे से खुद खुशियाँ मना ली और जन पर्तिनिधि के रूप ने बैठे लोगो ने भी जनता के द्वारा दिया गया धन भी क्रिकेटर को दे दिया जबकि उनको लाखो करोडो के सैकड़ो विगापन मिल जाते है व् अन्य कमाई अलग से "
किसी रास्ट्रीय पार्टी ने अपनी और से कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया और आते आते ये खबर भी आ गयी जो डेमो कप था (शायद ) उसी को उठा कर दे दिया गया असली तो कस्टम के पास ही है
अगर आज इस बात को कोई मान ले की येषा है तो ये बहुत बड़ी बात हो जायेगी सरकार के लिए पहले भी बहुत घोटाले का कलंक है पर ये कलंक सही नहीं है
कौन महान देश या किर्केट ?
देश में क्रिकेट एक नशा हो चूका है एक नशा जो टी वी और रेडिओ के मध्यम से लिए जाता है और आने वाले कई दिनों तक रेल बस में उसकी बाते होती है जब मैच होता है तो सहर में कार्फू लग जाता है ऑफिस से लेकर बाजारों में काम समझो थाप सब बन हो जाता है |
कहा जाता है की icc का ऑफिस दुवाई में है और देश का एक डॉन भी अपनी कंपनी वही से चलता है ये मैं नहीं श्री पुन्य पर्सून बाजपाई जी कहते है | वो भी जी टीवी पे रात दस बजे ये बात समझ ने की है सोचने की है |

दूसरी ओर अन्ना हजारे ने देश में एक क़ानून की जंग को लड़ रहे है एक कानून जो जनता के बीच आने के लिए तराश रहा है उस क़ानून का मुह दवाए हुए नेता लगभग पाचश साल से उसका शोषण कर रहे है |

देखे की जनता के आँखों के तारे ये प्यारे नेता क्या जनता के दुखो को कम करने वाला कानून लाने को तैयार है |

और एक बार ये सोचना होगा की वर्ल्ड कप के जितने के बाद भारत का क्रिकेट में दूसरा स्थान है और खेल महाकुम्भ में (ओलंपिक) जगत में भारत की बात करना एक सपना है और दूसरो देशो के लिए सर दर्द और इस महा कुम्भ में वही देश अवल है जो आज महा ताकत है |
क्रिकेट की ताकत एक मज़ाक है देश की गरिमा और अर्थबयबस्था और गरीबी के बारे में कौन शोचेगा और कब
ये क़ानून बनने के बाद लागू करना और लागू करने के बाद एक काम होगा की राज्यों का भ्रस्ताचार कम हो जायेगा पर देश के पार होने वाला भ्रस्टाचार को कैसे khatam karenge ?

अम्बरीष मिश्रा

कभी सोचा न था ......... कि आप भी.... मेरे ब्लोग पे होंगे !