19 April 2009

दुख बड़े काम की चीज है,

दुख बड़े काम की चीज है,
दुख ना हो तो कोई किसी को याद नहीं करेगा,
कोई प्रभु से फरियाद नहीं करेगा।
सुख चालाक है भटकाता है ,
अपने पते पर कभी नहीं मिलता।
दुख भोला-भाला है,
दूसरों के पते पर भी मिल जाया करता है।
दुखी बने रहो कोई ईर्ष्या नहीं करेगा,
सुखी हो गये तो संसार नही सहेगा।
जिंदगी को जहाँ छुओ घाव ही घाव है,
दुख में जिंदगी के स्थायी भाव है।
दुख अंतरंग है,सदा संग-संग है।
सुख तो उच्छ्रंखल है,
दुख में तमीज है,
दुख बड़े काम की चीज है।

पर ये दुःख मेरा सकलन मात्र है न की रचना

भैंस चालीसा

भैंस चालीसा
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते

ये मैंने नही लिखा या मेरी रचना नही है

16 April 2009

लिखते लिखते थक गए हाथ ,
गुजरा दिन गुजरी रात ,
कुछ लिखने की बात
पर न बने हालत ,
तब मैंने बनाया
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,


जज्बात बह रहे थे
पर कैसे बदले हालत सब मौन थे
फिर मेरे भाई
तब मैंने बनाया
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,


तुम लिखोगे तो क्या होगा
जब अच्छे अछ्के बिक गए
जब कलम भी घिस गयी
और न बदले हालत
तब मैंने बनाया
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,


आप परेशां न हो
टेंसन न ले
क्यकी आने वाला कल
कर देगा बरबाद
तब मैंने बनाया
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,

मैं बोलूँगा बिस घोलूँगा
बदलूँगा हालत
कल आज और कल
अपनी ताक़त के साथ
तब मैंने बनाया
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,

ये बिस कुछ नया कर दिखायेगा
बदलेगी कल की सूरत
और बदलेगा इतिहास
पर कैसे बदले हालत
केवल और केवल जाने
मेरा ब्लॉग मेरी बात ,

"अम्बरीष मिश्रा" अब आपके साथ

कभी सोचा न था ......... कि आप भी.... मेरे ब्लोग पे होंगे !