03 August 2012
अन्ना टीम को देखना होगा कि क्या इनमें दम है ....
03 May 2012
सौ साल के सिनेमा और .... आज
28 March 2012
! , जनता के लिये !
28 - 3 -12 के दिन आज एक समाचार ने पूरे मिडिया मे हडकमप मचादिया.
अभी तक मैने जो मिडिया और समाचारो के माध्यम जो भी पाया है वो आपको भी
बताता हुँ ...
वि के सिंह रिटायर होने वाले है दो महिने के बाद ... और आने वाले है
विक्रम सिह .. विक्रम
सिंह जी बहूत चर्चे मे रहे है अपनी पाकिस्तान बाली बहु के कारण ...और भी
इनके चर्चे है
पिछले कई सालो से लगभग 40 सालो से (ndtv india @ prime time with raveesh
..today @ 9.00 pm )
इस प्रकार की बातें पहले भी आ चुकी है पर आज तक कभी खुलासा नही हुआ ।
खबर निकल के आयी कि बात थी 14 करोड के लेन देन की तो ........
रक्षा मंत्री को बताया गया तो उन्होने माथा पीट लिया .......... माथा पीट
लिया इस बात को
मिडिया समझाने मे लगा है पर जितना समझा सकता है उसको समझने की जरुरत है ..
एक सबाल आपसे ..
आप माथा कब पीटते है .. जब बना बनाया काम गलत होता है ......या आप
अचम्भीत होते है ....
इसके उलट पंजाब मे .... आज बंद रहा .. आगजनी रही ... होहल्ला रहा ....
यूँ कहे तो वहाँ हल्ला बोल रहा ! किसके लिये और क्यो .....!
लगभग सभी जानते है कि बलवंत सिंह राजोआना की फांसी जो कि 31 मार्च को है
इन पर आरोप है पंजाब
के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या का .. सचिवालय के अन्दर बम
बिस्फोट करना ........ उसमे 17 लोगो का
साथ मे मारा जाना ...उसमए मुख्यमंत्री भी मारे जाते है और ये सब हुआ 17
साल पहले .......!
उसके बाद बलवंत ने कभी भी अपने उपर लगे इलजाम के लिये ... न तो सुप्रीम
कोर्ट गया ... और न ही
राष्ट्रपति के पास दया क्षमा याचना की ! ... और तय समय पे फासी लेने के
लिये आज भी तैयार है .....
ये भी कितना आश्चर्य जनक है कि .. जिसको फासी मिली है उसको सरकार , जेल
अधिकारी . मुख्यमंत्री ,
सहयोगी दल के लोग बचाना चाहते है .........पर वो उनकी भी आलोचना करता है
...... पर क्यो ...!
सच मे इस प्रकार भगत सिंह ने भी सचिवालय ...... मे बम फेक कर अपने ....
अपने आदर्शो के लिये
हसते हुये फासी पर चढ गये थे ... उस समय की सरकार के लिये .... इतना सर
दर्द हुये कि उन्हे समय
दिये गये आदेश ... और समय से पहले ही फासी पे लटका दिया गया ....
ये देश जितना उपर लिखे लोगों का है उतना ही शायद आपका भी
............................
05 February 2012
पीपा और सोफ़ा की कहानी
अब ये मुसीबत भारत की ओर आने वाली है । एक बडी कम्पनी
बाबा गुगल (ऐनक) ने अपनी घोषणा करते हुये ये कहा कि अब वो
आपकी प्राईवेसी को गोपनीय नही रखेगें ।
अधिक जानकारी के लिये ये पढे न ये पढे बल्कि इसके सभी हाईपर
लिंक को भी अवश्य पढे़ ।
ये सन्धि मार्च २०१२ से होगी पर क्या आप तैयार है .............
http://www.google.co.in/intl/hi/policies/privacy/preview/
http://www.google.co.in/intl/hi/policies/privacy/preview/faq/#toc-terms
हर काम पहली बार अवश्य होता है .... और।
पहली बार ऐसा ही हुआ है !
हरदोई मे , बहूत कूछ पहली बार हो रहा है .... ।
पहली बार ... विधान सभा मे BSP ने सारी सीट जीतीं
जो हारी थी वो भी .........
... पहली बार ... .. हरदोई मे जिला पचायत अध्यक्ष OBC कोटे
मे गया और बच गया ........
पहली बार ... .. सुरसा विधान सभा मे सुरसा का अंत हो गया
(सुरसा के बारे मे कहा जाता है कि वो परछाई को पकड के
अपना शिकार करती थी )
पहली बार ... .. चुनाव मे बैनर पोस्टर की जगह जन सैलाब
की जरुरत जादा हो रही है ..... ।
पहली बार ... .. सत्ताऒ के आकडे आम लोगों के समझ से बाहर है ।
पहली बार ... ....... नेता से अधीक मीडिया चिला रहा है ।
बस FM. नही है नही तो गाँव वाले भी नही जान पाते .........
पहली बार ... न जाने और .. क्या क्या होगा ........पहली बार ... ?
31 January 2012
अमेरिका , अमेरिका क्यो नाटो के द्वारा बनाये गये
नियम कानून के आधार लाई+सेन्स=(जिसका अधार ही झुठ है )
लाईसेन्स लेना होगा जो असल मे समाजवाद से दूर दूर तक कोई रिस्ता नही है वो तो केवल व्यापारवाद को बधाता है
वो कहते है कि एक रेस की जाये और जो जीते वो इनाम का हकदार , ये दौड है विकास की दौड
विकास की दौड़ मे दौड़ने के लिये
जनता रुपी गाडी को
महगाई के एक्सीलेटर से इतना दवाया जाता है कि बस .....
उसमे जनता को पिसते ही चले जाना है और इस बार जनता के हाथ मे चाभी है जिससे वो
आने वाले समय मे देश को एक नया प्रधानमन्त्री बना सकती है ।
24 January 2012
बहुत ही शर्मसार था मेरे लिये ........
पर समय और बदलते परिवेश मे शान्त रहने का मन बनाया
पिछले दिनो एक मित्र के वाल से प्रचार देखा कि टी वी शो
मे हरदोई मे शूट हुआ कोई कार्यक्रम आने वाला है
मन वयाकुल हुआ और समय को ध्यान मे रख उसको देखा
शहर देख कर अच्छा लगा और ये भी देखा कि कोई भी शुटिग
हरदोई मे नही हुय़ी बल्कि उसके द्र्श्य फिलमाकर फिर उसे
एडिट कर वही मुमबई मे फिलमाया गया
हरदोई और एक खास धर्म को शर्मसार किया है क्यो पता नही
और जब हरदोई शर्मसार हुआ तो उसका जस्न के रुप दिया गया
यह कि ज़ी टी वी पे भागोवाली धारावाहिक के 300 एपीसोड पुरे हुये ।
हरदोई बाबा नाम से हरदोई का सबसे महत्यपुर्ण धर्मस्थल है ,
और इसका एक अदभुत इतिहास रहा है जो कि बाप दादाओ से
सुनते चला आ रहा हुँ
दुखद घटना का परिचय ये है कि इस धारावाहिक मे वास्तविक्ता लाने
के लिये पहले लखनऊ और फिर कानपुर के दॄश्यों का दिखाया जाना
फिर हरदोई का दिखाया जाना जैसे कि ये वास्तविक हो और उसी मे
एक लड्की को जुता माता का दिखाया जाना अत्तयन्त ही घोर निन्दनीय है ।
जहाँ वो सस्कृति माता के रुप मे गंगा माता , भारत माता , गौ माता
इत्यादी को देखता है वहीं जूता माता कहकर अपमान किया जा रहा है
इसमे जिस प्रकार से दिखाया गया है वो बहुत ही उत्तेजक है एक पार्ट मे
तो भगवान शिव व इत्यादी के चित्र भी दिखाये गये है ।
क्या मनोरंजन का स्तर इतना घटिया हो गया है कि कोई आधार
ही नही रखा गया है
सवाल ये है कि क्या कोई धर्म अपने धर्म स्थल पे किसी को
जूतापहन के जाने की अनुमति देगा ।
क्या जो दिखाया गया वातावरण था वो इसे बरदासत करेगा
जूता किसी पे चला देने से तो कोहराम मच जाता है
तो कोई सम्मान क्यो देगा ?
ये धारावाहिक वनाने वाले और हरदोई को दिखाने वाले
शायद ही जानते हो कि हरदोई मे बहुत सी सच्ची कहानिया
है दिखाने के लिये ...... कुछ साल पहले एक नवयुवक को
केवल २० रु के पीछे मार दिया गया एक थाने मे ये न तो
खबर आयी न कोई धारावाहिक बना । वैसे ही एक नवयुबक
पुलिस जब मार रही थी तो तो वह भारत माता कि जय
बन्दे मातरम कह रहा था और उस पे फर्जी केस लगा दिये
गये ये आजादी के बाद पहली घट्ना होगी ।
शायद उसे भी मार डाला गया ॥॥
सवाल कई है और जबाब खुद ही देना होगा क्योकि
हरदोई के नाम का भद्दा मजाक कहा तक सही है
क्या मनोरंजन के लिये किसी धर्म को शर्म सार किया जाये
इसको नजर अन्दाज कहा तक सही है
ये धारावाहिक 23 जनवरी 2012 को ज़ी टी वी पे सुबह 9.00 बजे और 10.30 रात को
भागोवाली आया था ये बहुत ही शर्मसार था मेरे लिये ........