31 January 2012

य़ू एन की सड़क पे चलने के लिये
अमेरिका , अमेरिका क्यो नाटो के द्वारा बनाये गये
नियम कानून के आधार लाई+सेन्स=(जिसका अधार ही झुठ है )
लाईसेन्स लेना होगा जो असल मे समाजवाद से दूर दूर तक कोई रिस्ता नही है वो तो केवल व्यापारवाद को बधाता है

वो कहते है कि एक रेस की जाये और जो जीते वो इनाम का हकदार , ये दौड है विकास की दौड


विकास की दौड़ मे दौड़ने के लिये
जनता रुपी गाडी को
महगाई के एक्सीलेटर से इतना दवाया जाता है कि बस .....
उसमे जनता को पिसते ही चले जाना है और इस बार जनता के हाथ मे चाभी है जिससे वो
आने वाले समय मे देश को एक नया प्रधानमन्त्री बना सकती है ।

24 January 2012

बहुत ही शर्मसार था मेरे लिये ........

कई दिनो से सोच रहा था कि मै कुछ कहुँ या चुप रहुँ
पर समय और बदलते परिवेश मे शान्त रहने का मन बनाया
पिछले दिनो एक मित्र के वाल से प्रचार देखा कि टी वी शो
मे हरदोई मे शूट हुआ कोई कार्यक्रम आने वाला है
मन वयाकुल हुआ और समय को ध्यान मे रख उसको देखा
शहर देख कर अच्छा लगा और ये भी देखा कि कोई भी शुटिग
हरदोई मे नही हुय़ी बल्कि उसके द्र्श्य फिलमाकर फिर उसे
एडिट कर वही मुमबई मे फिलमाया गया

हरदोई और एक खास धर्म को शर्मसार किया है क्यो पता नही
और जब हरदोई शर्मसार हुआ तो उसका जस्न के रुप दिया गया
यह कि ज़ी टी वी पे भागोवाली धारावाहिक के 300 एपीसोड पुरे हुये ।

हरदोई बाबा नाम से हरदोई का सबसे महत्यपुर्ण धर्मस्थल है ,
और इसका एक अदभुत इतिहास रहा है जो कि बाप दादाओ से
सुनते चला आ रहा हुँ

दुखद घटना का परिचय ये है कि इस धारावाहिक मे वास्तविक्ता लाने
के लिये पहले लखनऊ और फिर कानपुर के दॄश्यों का दिखाया जाना
फिर हरदोई का दिखाया जाना जैसे कि ये वास्तविक हो और उसी मे
एक लड्की को जुता माता का दिखाया जाना अत्तयन्त ही घोर निन्दनीय है ।
जहाँ वो सस्कृति माता के रुप मे गंगा माता , भारत माता , गौ माता
इत्यादी को देखता है वहीं जूता माता कहकर अपमान किया जा रहा है
इसमे जिस प्रकार से दिखाया गया है वो बहुत ही उत्तेजक है एक पार्ट मे
तो भगवान शिव व इत्यादी के चित्र भी दिखाये गये है ।
क्या मनोरंजन का स्तर इतना घटिया हो गया है कि कोई आधार
ही नही रखा गया है

सवाल ये है कि क्या कोई धर्म अपने धर्म स्थल पे किसी को
जूतापहन के जाने की अनुमति देगा ।
क्या जो दिखाया गया वातावरण था वो इसे बरदासत करेगा
जूता किसी पे चला देने से तो कोहराम मच जाता है
तो कोई सम्मान क्यो देगा ?

ये धारावाहिक वनाने वाले और हरदोई को दिखाने वाले
शायद ही जानते हो कि हरदोई मे बहुत सी सच्ची कहानिया
है दिखाने के लिये ...... कुछ साल पहले एक नवयुवक को
केवल २० रु के पीछे मार दिया गया एक थाने मे ये न तो
खबर आयी न कोई धारावाहिक बना । वैसे ही एक नवयुबक
पुलिस जब मार रही थी तो तो वह भारत माता कि जय
बन्दे मातरम कह रहा था और उस पे फर्जी केस लगा दिये
गये ये आजादी के बाद पहली घट्ना होगी ।
शायद उसे भी मार डाला गया ॥॥

सवाल कई है और जबाब खुद ही देना होगा क्योकि
हरदोई के नाम का भद्दा मजाक कहा तक सही है
क्या मनोरंजन के लिये किसी धर्म को शर्म सार किया जाये
इसको नजर अन्दाज कहा तक सही है

ये धारावाहिक 23 जनवरी 2012 को ज़ी टी वी पे सुबह 9.00 बजे और 10.30 रात को
भागोवाली आया था ये बहुत ही शर्मसार था मेरे लिये ........

कभी सोचा न था ......... कि आप भी.... मेरे ब्लोग पे होंगे !