23 December 2011

तो जाने कि चुनाव आ गया है ,

सब दुकाने सज गयी ,
सब चोर दहाडने लगे ,
हमसे पाक साफ़ कौन छोड कर,
दुसरो को आईने दिखाने लगए ,
तो जाने कि चुनाव आ गया है ,

गाँव गाँव मे जब दौडे गाडी ,
बटती है महिला को साडी ,
जगह जगह बैठे जुगाडी ,
तो जाने कि चुनाव आ गया है ,

जब अध्धा पौया बट जाये
जब गरीब को पीटा जाये
जब गुंड्डो को पुजा जाये
जब मुफ़्त दावते मिल जाये
तो जाने कि चुनाव आ गया है ,


पर क्या सवाल उठाये है
और क्या जबाब पाये है
ये कौन है जो चुनाव लड्ने आये है
और क्यो इतने सगे बन रहे है

क्यो न जाने हम इनकी पोल
क्यो न हम देखे इनका खोल ....... अगली बार ........

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कभी सोचा न था ......... कि आप भी.... मेरे ब्लोग पे होंगे !